राज्य में टोनही प्रथा के ख़िलाफ़ पुलिस चलायेगी सामाजिक अभियान

राज्य भर में टास्क फ़ोर्स का होगा गठन
डीजीपी की संवेदनात्मक पहल

रायपुर । पुलिस महानिदेशक श्री विश्वरंजन की विशेष संवेदनशील पहल से टोनही आदि अंधविश्वासों के ख़िलाफ़ सामाजिक वातावरण बनाने के लिए राज्य भर में पुलिस द्वारा स्वयंसेवी भावना से सामाजिक अभियान प्रारंभ किया जा रहा है । उन्होंने सभी पुलिस महानिरीक्षकों एवं पुलिस अधीक्षकों को सचेत एवं तत्पर कानूनी कार्यवाही के साथ-साथ अभियान संचालन हेतु त्वरित कार्यवाही प्रारंभ करने का निर्देश दिया है। इस अभियान का मूल लक्ष्य वर्ष 09 में टोनही प्रकरण और उनसे उत्पन्न सामाजिक अपराध की दर को शून्य पर स्थिर कर उसकी निरंतरता बनाये रखना है । इस अभियान के द्वारा राज्य भर में पुलिस विभाग के फील्ड अधिकारियों का उन्मुखीकरण, कथित टोनही आदि की आड़ में अपराधिक प्रवृति के खिलाफ मानव संसाधन को प्रशिक्षित कर दक्ष बनाने, प्रचलित अंधविश्वासों के खिलाफ वैज्ञानिक चेतना का प्रसार एवं अपराधिक प्रवृति वाले अंधविश्वासों की रोकथाम के लिए कारगर नेटवर्क बनाया जायेगा ।

श्री विश्वरंजन ने बताया है कि इस अभियान के समयबद्ध क्रियान्वयन के लिए राज्य पुलिस टास्क फ़ोर्स का गठन किया जा रहा है । इसके अलावा जिले, अनुविभाग एवं थाने स्तर पर पुलिस टास्क फ़ोर्स गठित किया जायेगा, जिसके अध्यक्ष क्रमशः पुलिस अधीक्षक, अनुविभागीय अधिकारी एवं संबंधित थानेदार होंगे । इस त्रिस्तरीय टास्क फोर्स में पुलिस अधिकारियों के अलावा राष्ट्रीय सेवा योजना, रेड क्रास सोसायटी, स्वयंसेवी चिकित्सक, शिक्षाविद, सामाजिक कार्यकर्ता, सामाजिक जन जागरण अभियानों के कार्यकर्ता, विज्ञान-शिक्षक, महिला संगठनों की कार्यकर्ता, बुद्धिजीवी, रंगकर्मी, साहित्यकार एवं मीडियाकर्मी आदि होंगे । ये टास्क फ़ोर्स अभियान हेतु रणनीतियों का निर्धारण, संचालन, समीक्षा, मानिटरिंग, प्रोत्साहन, प्रेरणा एवं वांछित सहयोग उपलब्ध कराने का कार्य करेंगे ।

राज्य पुलिस टास्क फोर्स के अध्यक्ष श्री विश्वरंजन ने बताया कि इन टास्क फ़ोर्स के संयोजन में प्रचलित टोनही सहित ऐसे अन्य अंधश्रद्धाओं की पहचान किया जायेगा जो कानूनी के समक्ष अवैधानिक या समाज में अप्रिय स्थितियों की संभावनाओं को बढ़ावा देती हैं। समाज में प्रचलित अंधश्रद्धा के समूल निराकरण हेतु वातावरण निर्माण के लिए अधिकतम् संभावित सामाजिक, सांस्कृतिक, प्रशासनिक, वैधानिक, शैक्षिक चिकित्सागत पहलों का आंकलन, क्षेत्र की वास्तविकताओं के अनुरूप रणनीतियों का निर्धारण एवं उनका चरण बद्ध ढंग से सम्यक क्रियान्वयन किया जायेगा । टास्क फोर्स द्वारा क्षेत्र वैज्ञानिक यथार्थ, सामाजिक चेतना, कानूनी प्रावधानों, तर्काश्रित आस्था एवं विश्वास को प्रोत्साहित करने वाली गतिविधियों का आयोजन, प्रचार-प्रसार एवं ऐसे स्वयंसेवी संगठनों को प्रोत्साहित किया जायेगा ।
इन टास्क फोर्स द्वारा राज्य भर में वैज्ञानिक प्रयोगों एवं ट्रिक्स से प्रशिक्षित कार्यकर्ताओं ग्रामों में प्रायोगिक प्रदर्शन, कला जत्थों का आयोजन, बौद्धिक सभाओं का चरणबद्ध आयोजन, स्थानीय भाषा में कानूनी प्रावधानों का पोस्टर एवं पांप्लेट निर्माण कर वातावरण तैयार किया जायेगा ।

गाँवों के भोली-भाली आम जनता को वैज्ञानिक प्रयोगों के माध्यम से रियेलिटी से परिचित कराने के लिए हर गाँव से एक युवा कार्यकर्ता को वैज्ञानिक संगठनों की सहायता से प्रशिक्षित किया जायेगा। राज्य स्तर पर 25 मुख्य स्त्रोत प्रशिक्षकों होंगे जो जिला स्तर पर चयनित 10-10 मास्टर ट्रेनर्स इस प्रकार कुल 190 मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षित करेंगे । ऐसे 190 जिला मास्टर ट्रेनर्स प्रत्येक अनुविभाग के 10-10 प्रशिक्षकों को प्रशिक्षति करेंगे । ये प्रशिक्षक अपने अनुविभाग के अंतर्गत आने वाले थानों व प्रत्येक ग्रामों के 1-1 युवा कार्यकर्ता को प्रशिक्षित करेंगे । अभियान को गति देने के लिए मीडिया सहित प्रबुद्ध नृत्य मंडलियों, रामायण मंडलियों, धार्मिक संस्थाओं के प्रमुखों का भी सहयोग लिया जायेगा। टास्क फोर्स अंधश्रद्धा फैलाकर समाज में अवैज्ञानिक, अमानवीय, असामाजिक वातावरण बनाने वाले तथा अज्ञानता का लाभ उठाकर द्रव्य सहित रूपये कमाने वाले धूर्त बैगा, गुनिया, टोनहों की गोपनीय सूची भी गाँव के कोटवारों के माध्यम से तैयार करेगा तथा घटना पूर्व संबंधितों को पूर्ण कानूनी सहयोग एवं उनके सामाजिक बचाव के लिए सभी उपायों का सतर्क अनुप्रयोग करेगा । टोनही एवं ऐसे अंधश्रद्धा केंद्रित कुरीतियों को रोकने में सर्वोत्कृष्ट एवं कारगर भूमिका निभाने वाले पुलिस कर्मी, स्वयंसेवी कार्यकर्ताओं, अधिकारियों को महत्वपूर्ण अवसरों पर सार्वजनिक सम्मान एवं पुरस्कृत किया जा सकेगा ।

सूबेदार, उप निरीक्षक, प्लाटून कमांडर भर्ती हेतु साक्षात्कार २२-२८ दिसम्बर को


छत्तीसगढ़ व्यवसायिक परीक्षा मंडल द्वारा पुलिस मुख्यालय को सूबेदार, उप निरीक्षक, प्लाटून कमांडर भर्ती परीक्षा 2006 हेतु पूर्व में लिखित परीक्षा पास उम्मीदवारों की जारी सूची में आंशिक संशोधन करते हुए 164 उम्मीदवारों की अतिरिक्त सूची सोंपी गई है । ऐसे उम्मीदवारों की शारीरिक दक्षता परीक्षा एवं साक्षात्कार चयन समिति द्वारा लिया जायेगा ।

ये उम्मीदवारा पूर्व में लिखित परीक्षा मे उत्तीर्ण घोषित नहीं किये जाने से द्वितीय चरण की परी7ओं में सम्मिलित नहीं किये गये थे । लिखित परीक्षा के माडल उत्तर में कतिपय त्रुटियाँ संज्ञान में आने पर छत्तीसगढ़ व्यवसायिक परीक्षा मंडल, रायपुर (व्यापम) द्वारा संशोधित सूची पुलिस मुख्यालय रायपुर को सोंपी गई है, जिसके अनुसार 164 उम्मीदवारों को द्वितीय चरण की परीक्षा में सम्मिलित होने हेतु 22 से 28 दिसम्बर, 2008 की अवधि नियत की गई है ।

इस अवधि में 22 से 24 दिसम्बर तक शारीरिक दक्षता परीक्षा एवं 26 से 28 दिसम्बर तक साक्षात्कार लिया जावेगा । उम्मीदवारों को शारीरिक दक्षता परीक्षा हेतु पीटीएस माना, रायपुर में प्रातः 9 बजे उपस्थिति देनी होगी । साक्षात्कार का समय पृथक से अवगत कराया जावेगा । जिन समस्त 164 उम्मीदवारों उक्त परीक्षा में सम्मिलित होने हेतु सूचना प्रेषित कर दिया गया है, उनके नाम इस प्रकार हैं –


राधा पैंकरा, प्रमोद कुमार शर्मा, जितेन्द्र कुमार सोनी, अवनीश कुमार पासवान,रूपेश कुमार रावत,लालू सिंह,कृष्ण कुमार सिंह, अरुण कुमार बडेरिया, धनंजय जायसवाल, अमृता देवी पलेरिया, चंचल तिवारी, प्रज्ञा पांडे,शाइस्ता फातिमा, बिजेश कुमार सिंह, मनीष शुक्ल,हीरामणि पटेल, इरशाद अली, नीतेश राजपूत, भास्कर पूडके, मनीष कुमार पटेल, अनिल कुमार वर्मा, पीयूष कांत चंद्राकर, सुजीत कुमार पटेल, मुकेश कुमार यादव, अनुरोध साहू, मनोज कुमार कौशिक, भागवत प्रसाद जायसवाल, ओमप्रकाश पटेल, तेज प्रकाश जायसवाल, सुरेश कुमार सोनी, महेश कुमार बरेठ, कुमारी सरिता भास्कर, संगीता भास्कर, सीमा पटेल, शशि साईं, डेनियल सिंह चन्द्रा, श्रीकांत साहू, संजीव कुमार मिरी, गौतम कुमार, प्रणव कुमार तिवारी, वीरेन्द्र कुमार उइके, राकेश कुमार वर्मा, प्रीति सिंह, किरण सिंह कंवर बलिंदर सिंह, अम्ब्रुस टिर्की, बार्थोलोमी केरकेट्टा, घनश्याम तिवारी, विकास शुक्ला, संदीप सिंह ठाकुर, सुरेन्द्र कुमार देवांगन, रोशन सिंह गौतम, सोमेश्वर प्रसाद राठौर, राजेश कुमार बानवे गोपी यादव, विजेन्द्र कुमार यादव, जय राम सिदार, मोहन प्रसाद बनर्जी, अमित कुमार, प्रीति त्रिपाठी, लीना प्रधान, सरिता रंगारी, देवी रत्न बंसोड पाटिल, सीमा अग्रवाल, नवीन कुमार सिंह, चंद्र कुमार देशमुख, विनोद कुमार सोनी, दिनेश कुमार गोयल, दिलबाग सिंह, स्वदेश गुप्ता, टिकेन्द्र कुमार यदू, घनश्याम, सुरेन्द्र कुमार सोनी, दिनेश कुमार, अजय कुमार बंजारे, त्रिभुवन मोहन वासनिक, नरेश कुमार, टुमन लाल बघेल, भूपेन्द्र कुमार सिन्हा, राजेंद्र कुमार, कैलाश कुमार शर्मा, राकेश सिंह, अविनाश तिवारी, दुर्गेश कुमार सिंह, रजनीकांत साहू, संतोष सोनी, मोहम्मद नबी, इंद्रजीत कुमार, उत्तम गौतम टंडन, जै कुमार डेहेरिया, मनोज कुमार चंद्रवंशी, संजय कुमार मंडावी, हूमा रहमान, शारदा शुक्ला, सौरभ सिंह राठौर, टेक राम वर्मा, अभिराम मेश्राम, राजीव कुमार तिवारी, गौतम चौधरी, महेन्द्र कुमार साहू, प्रदीप कुमार पोयम, सतीश दीवान, प्रमीला नाग, टिकेश्वर कुमार सोनबेर, रवि कुमार ठाकुर, सतीश कुमार नवरंगे, हरि प्रिया पटेल, पंकज कुमार पारीक, सौरभ पटेल,अनिल कुमार निकुंज, नमित कुमार मोदी, लिंगराज चौधरी, सुरेश कुमार गेंदले, निर्मला साहू,दिलीप कुमार साहू, पारस कुमार सोनी, किशन कुमार देवांगन, मुरली मनोहर पटेल, रमेश कुमार पटेल, तेज कुमार यादव, मनोज कुमार गुप्ता, शंकर लाल नाईक, विषीकेशन दिनकर, विजय कुमार एक्का, चित्रलेखा साहू, ममता शीतल मिश्र, योगेश सिंह ठाकुर, भूपेन्द्र पेंडारिया, पीयूष ठाकूर, राजेश बेहरा, देवीलाल दीवान, त्रिलोक सिंह ठाकुर, देवेश कुमार तिवारी, विकास सिंह, नरेश कुमार बंजारे, पद्म जगत, श्वेता वैष्णव, सिद्धार्थ शंकर चटर्जी, दिलीप कुमार शर्मा, आकाश कदम, शैलेंद्र कुमार साहू, मुकेश कुमार देवांगन, संजय सिंह परिहार, विजय कुमार सोम, विपिन किशोर,कमलेश सिंह चन्द्र, टोमन लाल वर्मा,राजीव कुमार पटेल, प्रदीप कुमार चंद्राकर, रमन कुर्रे, कुमारी उमा ओगरे, रुक्मिणी भारद्वाज, सुरेन्द्र कुमार सोनी, संतोष साहू, कमल सिंधु पटेल, उमेश कुमार यादव,, वीरेन्द्र कुमार वर्मा, प्रहलाद कुमार वर्मा, दागेश्वर खटकर, लखन डोंगरे, अशोक कुमार, कर्ण कुमार उइके, विनोद कुमार छतवार, शैलेंद्र कुमार पाटले ।
यह सूची पुलिस मुख्यालय में भी चस्पा कर दी गई है ।

नक्सली नेटवर्क का पर्दाफ़ाश करने वाले 13 कर्मियों को समय पूर्व पदोन्नति

रायपुर । 15 दिसम्बर । पुलिस महानिदेशक श्री विश्वरंजन ने भूमिगत नक्सली माओवादियों के शहरी नेटवर्क उजागर करने वाले 13 कर्मचारियों को क्रम से पूर्व पदोन्नति का लाभ दिलाकर प्रोत्साहित किया है । इनमें एक सहायक उपनिरीक्षक, 2 प्रधान आरक्षक, 1 आरक्षक चालक और 9 आरक्षक सम्मिलित हैं जिन्हें क्रमश- उपनिरीक्षक, सहायक उप निरीक्षक, सहायक प्लाटून कमांडर एवं प्रधान आरक्षक के पद पर पदोन्नति का लाभ दिया जा रहा है ।

पुलिस विभाग द्वारा माओवादी गतिविधियों पर रोक लगाने एवं उनके भूमिगत नेटवर्क को उजागर कर समाप्त करने हेतु दिसम्बर 2007 से राजनांदगाँव, कांकेर, दुर्ग, रायपुर तथा बिलासपुर जिले में गुप्त अभियान चलाया गया था । अभियान के परिणाम स्वरूप छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर सहित आसपास के जिलों में लंबे समय से संचालित नक्सलियों के शहरी नेटवर्क का पर्दाफ़ाश संभव हो सका था और विभाग को एक बड़ी सफलता हाथ लगी थी । इसी अभियान के तहत गिरफ़्तार की गई महिला नक्सली जमुना से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर वरिष्ठ माओवादी विजय, सदस्य मालती व मीना ऊर्फ़ गीता की पहचान की गई जिसके पश्चात प्रफूल्ल झा की गिरफ्तारी, विजय उर्फ़ गुडसा उसेंडी के फरीदनगर भिलाई स्थित घर में दस्तावेज, हथियार व नगद रक़म जब्त की गई । इस प्रकार गठित विशेष कार्यदल में विभागीय कर्मियों की अतिरिक्त परिश्रम व अथक प्रयास से भूमिगत नक्सली माओवादियों का नेटवर्क उजागर हुआ था ।

नक्सली नेटवर्क को उजागर करने में विशेष भूमिका निभाने वाले जिन कर्मियों को उनके सराहनीय कार्य के लिए पुलिस रेग्युलेशन के पैरा 70-क एवं विसबल अधिनियम 56 (3) के तहत क्रम से पूर्व नियमानुसार पदोन्नति दी गई है, वे हैं – जिला राजनांदगाँव के सहायक उप निरीक्षक बोधन साहू और प्रधान आरक्षक कृष्णकुमार जिन्हें क्रमश- उप निरीक्षक एवं सहायक उप निरीक्षक पद पर पदोन्नति मिलेगी । इसी तरह 7 वीं वाहिनी, छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल के प्रधान आरक्षक अरविंद गिरी को सहायक प्लाटून कमांडर पद पर पदोन्नति मिलेगी । राजनांदगाँव के ही आरक्षक (चालक) ओंकार सिंह, आरक्षक राजकुमार द्विवेदी, सत्यनारायण शर्मा, संजय कुमार यादव, शरद कुमार, धन्ना लाल सिन्हा, सुरेश कुमार पांडेय, संतोष कुमार सिंह, शिवशंकर तिवारी और दीपक तिवारी को प्रधान आरक्षक पर पर पदोन्नत किया जायेगा । इसमें से नव आरक्षक द्वय शिवशंकर तिवारी और दीपक तिवारी को बेसिक प्रशिक्षण उत्तीर्ण होने के उपरान्त पदोन्नति मिल सकेगी ।

कुख्यात एवं दूर्दांत सशस्त्र दो माओवादी पुलिस के हत्थे चढ़े


रायपुर । विधानसभा चुनाव 2008 के दौरान झारखंड राज्य के सरहदी इलाके पर भाकपा-माओवादियों के बढ़ते दबाब के मद्देनज़र पुलिस महानिरीक्षक सरगुजा मुकेश गुप्ता एवं पुलिस अधीक्षक बलरामपुर बद्रीनारायण मीणा के कुशल नेतृत्व में चलाये जा रहे अभियान के परिणामस्वरूप 2 दिसम्बर 2008 को पुलिस अधीक्षक को मुखबिर के ज़रिये सूचना मिली कि स्टेट कमेटी सदस्य वीरसाय, जोनल कमांडर विनय तथा एरिया कमेटी सदस्य जगदीश के नेतृत्व में 40-50 की संख्या में माओवादी झारखंड राज्य के गढिया ग्राम एवं छत्तीसगढ़ राज्य के बलरामपुर अंतर्गत पिपराही ग्राम के मध्य घनघोर जंगल में विधिविरूद्ध क्रियाकलापों एवं आतंकी घटना को अंजाम देने के उद्देश्य से आये हुए हैं ।

उक्त सूचना पर पुलिस अधीक्षक द्वारा डी।आर.आंचल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, के नेतृत्व में निरीक्षक अरबिंद किशोर खलखो, निरीक्षक एसआर खान, एसटीएफ एवं डीएफ की टीम गठित कर भाकपा-माओवादियों की धरपकड़ हेतु दिशानिर्देश देकर प्रातः 4 बजे थाना बलरामपुर से पिपराही गाँव की ओर रवाना किया गया।

पिपराही पहुँचने के पूर्व पुलिस पार्टी द्वारा नक्सलियो को चारों ओर से घेराबंदी करने के उद्देश्य से दो पार्टी बनायी गई । पहली पार्टी का नेतृत्व श्री आंचल वे दूसरी का नेतृत्व श्री खान कर रहे थे । दोनों पार्टी जैसे ही कन्हार नदी पर गढ़िया घाट पहुँचे कि 3-4 व्यक्ति पुलिस को देखकर घने जंगल मे छुपने की कोशिश करने लगे । पुलिस पार्टी को उक्त व्यक्तियों को दौडाकर पकड़ने का प्रयास किया गया । जिससे 2 व्यक्ति हथियार एवं पीठू सहित पकड़ में आ गये । एक व्यक्ति अपना हथियार फेंककर जंगल पहाड़ की आड़ लेकर भागने में सफल हो गया ।

पूछताझ में उन दोनों ने माकपा माओवादी का होना बताया । माकपा माओवादी एरिया कमांडर अशोक घांसी/नायक उर्फ कुलदीप उम्र 19 वर्ष आत्मज रामशत्रुघ्न साकिन बरकौल, थाना भंडरिया, जिला गढ़वा, झारखंड होना स्वीकार किया गया । दूसरा भाकपा माओवादी का सक्रिय सदस्य गौरी पनिका, उम्र 25 वर्ष, आत्मज बनारस पनिका, साकिन परसवार, थाना भंडरिया, जिला गढ़वा का होना बताया ।

दोनो भाकपा माओवादी ने हथियार फेंककर भागे हुए अपने साथी का नाम विजेन्द्र याद, साकिन परारवार का होना बताया है । पूछताझ के दौरान उसने अपने दस्ते के अन्य 40-45 साथियों एवं कमांडर वीरसाय, विनय एवं जगदीश की उपस्थिति झारखंड राज्य के गढ़वा जिले में कन्हार नदी के उस पार बढ़नी जंगल मे होना बताया है ।

पुलिस पार्टी आगे बढ़ते हुए सर्चिंग की लेकिन भाकपा-माओवादियों को पुलिस के आने की सूचना मिलने पर वे जंगल पहाड़ होते हुए झारखंड के चपिया, मतगढ़ी की ओर भाग गये । पूछताझ पर एरिया कमांडर कुलदीप ने बताया कि मैं वर्ष 2003 से भाकपा-माओवादी दस्ता में शामिल हूँ । पूर्व में मैं श्रीकांत के दस्ते मे काम किया था । कुछ समय रितेश एवं केश्वर के दस्ते में भी चैनपुर एरिया में काम कर चुका हूँ । वर्ष 2007 से अभी तक विजय उर्फ नेपाली उर्फ वीणा खेस तथा वीरसाय के नेतृत्व मे भाकपा माओवादी संगठन का कार्य कर रहा हूँ । जनवरी 2008 में मुझे तथा विश्वनाथ खैरवार को बरगढ़, भंडरिया एवं छत्तीसगढ़ क्षेत्र का एरिया कमांडर बनाया गया ।

पुलिस अधिकारियों ने राष्ट्रीय अंखड़ता का संकल्प दोहराया

रायपुर । 19 नवंबर । आज पुलिस मुख्यालय में आयोजित एक अनौपचारिक सभा में सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने राष्ट्रीय अखंडता की शपथ लेते हुए देश की आज़ादी और प्रजातांत्रिक अखंडता के प्रति अपनी वचनबद्धता को दोहराया । राष्ट्रीय अखंडता दिवस 19 नवंबर के प्रतिपालन में प्रातः 11 बजे पुलिस मुख्यालय, रायपुर में पुलिस महानिदेशक श्री विश्वरंजन ने सभी अधिकारियों को राष्ट्रीय अखंडता की शपथ दिलायी । शताधिक पुलिस अधिकारियों और कर्मियों ने प्रतिज्ञा ली कि कभी हिंसा का सहारा नहीं लिया जायेगा । धर्म, क्षेत्र से संबंधित भेदभाव और झगड़ों तथा राजनैतिक या आर्थिक शिकायतों का निपटारा शांतिपूर्ण तथा संवैधानिक तरीक़ों से करने का जीवन भर प्रयास किया जायेगा ।
उक्त अवसर पर श्री अनिल एम.नवानी, डीजीपी सशस्त्र बल, श्री रामनिवास, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, श्री आर.के.विज, पुलिस महानिरीक्षक, श्री जी.पी.सिंह, डीआईजी, श्री एन.के.एस.ठाकुर, श्री ए.एम.जूरी, श्री जी.एस. बाम्बरा सहित सभी शाखाओं के वरिष्ठ अधिकारियों ने अपनी प्रतिभागिता रेखांकित की ।

पहला चरण का चुनाव अधिक शांतिपूर्ण ढंग से निपटा – विश्वरंजन

रायपुर । 14 नवंबर । छत्तीसगढ़ विधान सभा चुनाव के पहले चरण में असुरक्षा और हादसों की तमाम सारी शंकाओं को झूठलाते हुए चुनाव में लगे सभी पुलिस, सुरक्षा, अर्धसैनिक बलों और एसपीओ ने छुटपूट घटनाओं को छोड़कर आमतौर पर शांतिपूर्वक चुनाव संपन्न करा लिया है । नक्सलियों द्वारा विधानसभा चुनाव की मतदान प्रक्रिया को बाधित करने के अनेक प्रयासों को मुँहतोड़ जवाब देते हुए सुरक्षा बलों ने उनके मक़सद को असफल कर दिया ।

प्रथम चरण के चुनाव में अधिकतम संवेदनशील बूथ होने के कारण आज दिन भर पुलिस महानिदेशक श्री विश्वरंजन सभी विधान सभा क्षेत्रों में सम्मिलित मतदान केंद्रों की शांति व्यवस्था की दिन भर मानिंटरिग की । वे मतदान केंद्रों में दिन भर हुई घटनाओं, पोलिंग बूथ पर हमलों, मुठभेड़ आदि आकस्मिक घटनाओं की जानकारी ले-लेकर पुलिस अधिकारियों को शांतिपूर्वक चुनाव संपन्न कराने के लिए आवश्यक निर्देश एवं मार्गदर्शन देते रहे। उन्होंने दिन भर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने के बाद बताया है कि इस बार प्रथम चरण का चुनाव अपेक्षा से कहीं अधिक शांतिपूर्ण ढंग से निपटा है । सभी 39 विधानसभा क्षेत्रों में आज हुए चुनाव की कुछ घटनाओं को छोड़कर प्रथम चरण का चुनाव पिछले विधानसभा चुनाव की अपेक्षाकृत अधिक शांति और सामान्य ढंग में निपटा है ।
इस बार मुठभेड में एक हेड कांस्टेबिल शहीद हो गया जो कांकेर जिले में कुर्रेनार पोलिंग बूथ में तैनात था । एक अन्य घटना में एक हेलिकाप्टर कर्मी (नेवीगेटर) की नक्सलियों की गोली लगने से मृत्यु हो गई । इस तरह 39 विधान सभा क्षेत्रों में मुस्तैदी से सुरक्षा प्रबंध करते हुए 2 कर्मियों ने अपनी शहादत दी । इसके अलावा इस बार सुरक्षा के कड़े इंतेजाम के बावजूद नक्सलियों द्वारा 20 ईव्वहीएम मशीनें लूटी गयीं । गत विधान सभा चुनाव में 73 ईव्हीएम मशीनें लूटी गईं थी और पिछले लोकसभा चुनाव में 55 ईव्हीएम लूटी गईं थी ।

पिछली चुनाव में हुए हादसों को मद्देनज़र रखते हुए इस बार विशेष सतर्कता बरती गयी थी । । बस्तर इलाकों में विधान सभा चुनाव का बहिष्कार करने वाले नक्सलियों ने 6 पोलिंग बूथों पर अचानक हमला बोला दिया जिसे पुलिस और सुरक्षा बलों की सतर्कता और बहादूरी के कारण निरापद और बिना किसी व्यक्ति के हताहत हुए नियंत्रण कर लिया गया । मिली अद्यतन जानकारी के अनुसार चुनाव कार्य में नक्सलियों के हमलों और अन्य मुठभेड़ों में कुल 4 लोग घायल हुए हैं जिसमें सीआरपीएफ का 1 जवान, जिला पुलिस बल का 1 जवान, 2 एसपीओ एवं एक नागरिक शामिल है ।

पुलिस अधिकारी की सतर्कता ने बचायी कईयों की जान


रायपुर । रायपुर राजधानी के फाफाडीह चौक़ पर १० नवंबर, सोमवार की रात क़रीब 11 बजे एक पुलिस अधिकारी की सतर्कता से अनहोनी और जानलेवा घटना टल गई । पुलिस महानिदेशक के सुरक्षा अधिकारी श्री विनय भास्कर अपनी ड्यूटी के पश्चात जेल रोड से होकर अपने निवास गुढियारी जा रहे थे कि इसी बीच फाफाडीह चौक़ के पहले ही अचानक उनकी नज़र पोल से टूटकर सड़क पर पड़ी की बिजली की नंगी सप्लाई लाईन पर पड़ी जिसमें करेंट प्रवाहित था । वहीं तत्काल उन्होंने अपनी मोटर साईकिल खड़ी कर स्थिति का जायजा लिया । उल्लेखनीय है कि फाफाडीह चौक से होकर बिलासपुर रोड़, रेल्वे स्टेशन, मोदहापारा तथा कचहरी चौक़ के लिए गाडियाँ और लोग-बाग आते-जाते हैं । उन्होंने अपनी सुझबूझ से चौक़ के चारों तरफ़ की सड़क को तत्कला ब्लॉक करवाया और स्वतः व्हिसिल लेकर ट्रेफ़िक को वहीं रोका । उन्होंने लगभग 15-20 मिनट तक चारों तरफ़ से आने वाले ट्रेफ़िक को रोककर एक बड़ी दुर्घटना से बचा लिया । यदि वे समय पर वहाँ मुस्तैदी से लोगों को नहीं रोकते तो निःसंदेह कई बड़ी वाहन, दुपहिया सवार, रिक्शा और पैदल चलने वाले काफ़ी लोग बिजली की चपेट में आ जाते और बड़ी दुर्घटना हो सकती थी ।

ज्ञातव्य हो कि घटना स्थल पर श्री भास्कर के पहुँचने के ठीक पहले ही एक रिक्शा चालक जानकारी नहीं होने की वजह से करेंट लगने से दूर जा गिरा था । इस बीच गंज थाने के कुछ जवान भी उनकी मदद करने वहाँ पहुँच चुके थे और उन्होंने भी मुस्तैदीपूर्वक स्थिति को संभालने में सहायता की । यही नहीं तत्काल विद्युत मंडल कार्यालय को अवगत कराया गया और अपने सामने ही लाईन को बंद करके दुरुस्त करवायी गई ।

सात नक्सली ढेर, डीजीपी ने पीठ थपथपायी


रायपुर । 11 नवंबर, 2008 । छत्तीसगढ़ पुलिस ने अपनी सुझबूझ से सात जनविरोधी नक्सलियों को मार गिराया है । उल्लेखनीय है कि चुनाव के मददेनजर रखते हुए संपूर्ण नारायणपुर जिले में विशेष गहन नक्सल विरोधी अभियान सचालित किया जा रहा है । छत्तीसगढ़ पुलिस के जाँबाज जवान, विशेषकर एसटीएफ अत्यंत सुझबुझ के साथ, बहादुरी पूर्वक शांतिपूर्वक चुनाव की सुनिश्चितिता के लिए कटिबद्ध है । इसी अभियान के दरमियान नारायणपुर जिले में कल 10 नवंबर की रात्रि में जिला पुलिस बल की संयुक्त पुलिस पार्टी नक्सली गतिविधियों की सूचना मिलने पर ग्राम खडगाँव की ओर रवाना हुई थी । इसी बीच करीबन 3 बजे रात्रि खोडगाँव के जंगल पहाड़ी पर पहुँचते ही नक्सलियों द्वारा घात लगाकर पुलिस पार्टी पर जान से मारने की नियत से फायरिंग किया गया । नक्सलियों को फायरिंग करते देख प्रत्युक्तर में पुलिस पार्टी द्वारा भी आत्मरक्षा में जवाबी फायरिंग किया गया । इस मुठभेड में मुठभेड में क़रीबन 7 नक्सली के मरने की आशंका व्यक्त की गई है । मुठभेड पश्चात घटना स्थल की सर्चिंग पर पुलिस पार्टी द्वारा मौक़े में 3 वर्दीधारी नक्सलियों का शव बरामद कर लिया गया है । इसके अलावा 5 नग भरमार बंदूक, 1 नग 12 बोर बंदूक दोनाली, 1 नग टिफ़िन बम, 2 बंडल वायर तथा अन्य दैनिक उपयोग की सामग्री भी पुलिस पार्टी द्वारा बरामद किया गया है ।

पुलिस महानिदेशक श्री विश्वरंजन ने इस सफलता के लिए नारायणपुर पुलिस बल के उन जवानों को शाबासी देते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ की पुलिस हर खतरनाक परिस्थिति में छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को निरापद और शांतिपूर्वक संपन्न कराने के लिए इसी तरह अपनी जान को जोखिम में डालते हुए भी कर्तव्यपरायता का परिचय देती रहेगी ।

लॉटरी, पुरस्कार वाले फ़र्जी ईमेल के झाँसे में ना आये - पुलिस महानिदेशक

रायपुर। छत्तीसगढ़ पुलिस ने राज्य के सभी ई-मेल धारकों को फ़र्जी ई-मेल के माध्यम से लाटरी, पुरस्कार, रुपयों के स्थानांतरण या कंपनी पार्टनर बनाये जाने की सूचना देकर कपटपूर्वक रूपये ऐंठने वालों से सावधान रहने को कहा है । छत्तीसगढ़ पुलिस प्रमुख द्वारा सभी इंटरनेट यूजर्स और विशेष तौर पर ई-मेल धारकों को आगाह करते हुए कहा गया है कि देश एवं विदेश से ऐसे फ़र्जी और जालसाजी संगठनों के चक्कर न आते हुए तत्काल ऐसे पुरस्कार, लाटरी, दान या चिकित्सा बीमा की राशि क्लैम करने या किसी ज़रूरतमंद को सहायता राशि भेजने की भावना में न बहते हुए ऐसे सभी ई-मेल का जवाब व व्यक्तिगत जानकारी दिये बग़ैर उन्हें तत्काल मेल बाक्स से डिलीट करने का सुझाव दिया है ।
पुलिस महानिदेशक श्री विश्वरंजन ने ऐसे सभी ई-मेल, डाक, कुरियर आदि के माध्यम से मिलने वाले फ़र्जी प्रस्तावों के शिकार नहीं बनने के लिए राज्य के लोगों को आगाह कराते हुए कहा है कि ऐसे किसी भी अज्ञात व्यक्तियों या संस्थाओं की ऐसी योजनाओं या प्रस्तावों के सहभागी बनकर कोई भुगतान न किया जाय । लाटरी योजनाओं में सहभागिता के लिए किसी भी रूप में यह कार्य विप्रेषण विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 के अंतर्गत प्रतिबंधित है ।

ऐसे सभी फ़र्जी ई-मेल संदेश भेजने वालों द्वारा एक बार संपर्क हो जाने पर जवाबदाता का नाम, पता आदि सहित बैंक खाता, एटीम कार्ड, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड के क्रमांक, पासवर्ड, शाखा आदि ज्ञात किया जाता है । संपर्क हो जाने और खाता नम्बर ज्ञात हो जाने पर पुरस्कार या लाटरी स्वरूप मिलने वाली राशि विदेश से भारत हस्तांतरण के नाम पर कमीशन के नाम पर राशि भेजने की माँग की जाती है । भोले-भाले लोगों को धोखे में रखने के लिए ऐसे फ्राड लोगों द्वारा फोन करके एवं जानी-मानी कंपनियों के लैटर पैड़ में पूर्व में पुरस्कृत लोगों का विवरण और फर्जी फ़ोटोग्राफ़ भी प्रमाण में भेजे जाते है जिससे लोगों को कोई शंका नहीं होती और वे हजारों रूपये गँवा बैठते हैं ।

पुलिस महानिदेशक श्री विश्वरंजन ने ऐसे सभी ई-मेल, डाक, कुरियर आदि के माध्यम से लॉटरी में जीतने के फ़र्जी प्रस्तावों के शिकार नहीं बनने के लिए राज्य के लोगों को आगाह कराते हुए कहा है कि ऐसे किसी भी अज्ञात व्यक्तियों या संस्थाओं की ऐसी योजनाओं या प्रस्तावों के सहभागी बनकर कोई भुगतान न किया जाय । लाटरी योजनाओं में सहभागिता के लिए किसी भी रूप में यह कार्य विप्रेषण विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 के अंतर्गत प्रतिबंधित है । अतः ऐसे किसी लाटरी या पुरस्कार वाले ई-मेल को तुंरत मेल बाक्स से हटा दिया जाय ।

राज्य के अधिकांश ईमेल उपयोगकर्ताओं को प्रतिदिन ऐसे मेल माइक्रोसॉफ्ट, कार्पोरेशन वर्ल्ड लॉटरी, माइक्रोसॉफ्ट इंक प्रोमो, एमएमएन, एओएल, याहू लॉटरी, आस्ट्रेलिया लोटो, ब्रिटिश इंटरनेशनल लॉटरी, कोका कोला, डेयजर्स, यूरो एफ्रो अमेरिकन लॉटरी, यूरो एफ्रो एशियन लॉटरी, यूरो मिलियन्स, फ्लैश फ़ार्चून्स, जापानी लाटरीज, स्वीस लॉटरी, पॉवर वेल, साउठ एफ्रीका, लाटरी कनाडा, ग्लोबल मेगा लॉटरी, टोयोटा, ऑक्सफोर्ड इंटरनेशनल लॉटरी, ग्लोबल लॉटरी कार्पोरेशन, वर्ल्ड कप लॉटरी, अरबन लोटो इंटरनेशनल, लोटो अनलिमिटेड़, युनाइटेड़ स्टेट्स लॉटरी, लॉटरी ई-मिलियंस, मंडेला लॉटरी साउथ अफ्रीका, केमलेट ग्रुप्स, माइक्रोसॉफ्ट गोल्डन गेट, मकाऊ कैसिनो वीनर्स, क्रिश्चियन वेल्फेयर आर्गानाइजेशन, कुवैत फंड प्रोजेक्ट प्रमोशन, फाउंटेन प्रमोशन लिमिटेड़, केलिफोर्निया क्रॉस लॉटरी, फीफा 2010ऑनलाइन गेम प्रमोशन, होंडा एवार्ड कंपनी, स्पैनिस लॉटरी बोर्ड, लक्की डे लॉटरी, Financial services firm Baird, युनाईटेड़ नेशन, एस्कॉम प्राईव्हेट लिमिटेड़ साउथ एफ्रीका, आदि कई फ़र्जी कंपनियों से भेजे जा रहे हैं और लाखों डालर का लालच दिया जा रहा है । इसके अलावा रोज़ नये नये नामों से ऐसे फ़र्जी और धोखे वाले ई-मेल भेजे जा रहे हैं । अतः किसी प्रकार की शंका होने या ऐसे ई-मेल प्राप्त होने पर ऐसे ई-मेल को विभागीय मेल prodgpcg@gmail.com पर फारवर्ड कर किया जा सकता है जिसके बारे में 24 घंटों के भीतर अवगत करा दिया जायेगा कि संबंधित कंपनी और उसके द्वारा दिया गया प्रस्ताव फ़र्जी है या नहीं ?

छत्तीसगढ़ पुलिस को अधिक कार्यक्षम बनाने संवेदनशील पहल


रायपुर। वे घर-परिवार छोड़कर दूर घने जंगलों में नक्सली पदचापों की टोह में रात-रात-भर जागते हैं । वे गर्मी-बरसात-जाड़े की परवाह किये बग़ैर कभी किसी निर्ज़न में पड़ी लाश की एकाकी रखवाली करते हैं तो कभी भूख-प्यास-नींद सबकुछ बिसार कर किसी गुंडे, मवाली को धर-दबोचने की जद्दोजहद में भटकते रहते हैं । जब सारी दुनिया मीठे-मीठे सपनों में खोयी रहती है तब भी वे बंदूक थामे गेट के बाहर व्हीआईपी की सुरक्षा में सारी रात मुस्तैद रहते हैं । वे लंबे समय तक घर से बाहर रहने वाला शारीरिक तनाव और मानसिक तनाव भी झेलते हैं । फिर भी वेतन और सुविधाओं के नाम पर कभी कोई हड़ताल नहीं कर सकते । धरना नहीं देते, डेलिगेशन लेकर किसी को माँगपत्र नहीं देते । छत्तीसगढ़ के ऐसे अराजपत्रित पुलिस कर्मियों एवं उनके परिजनों के कल्याण के लिए स्वयं पुलिस मुख्यालय ने संवेदनशील पहल शुरु की है ताकि वे और अधिक कार्यक्षम बनकर पुलिसिंग का जोखिम भरा काम संपन्न कर सकें ।

छत्तीसगढ़ के पुलिस निरीक्षकों, उप निरीक्षकों, सहायक उप निरीक्षकों, हवलदार, सिपाहियों सहित कार्यालयीन स्टाफ़ के वेलफेयर के लिए प्रभावी क़दम उठाये जाने और 5 वें वेतनमान की विसंगतियों को दूर करने की पहल इस बार स्वयं पुलिस महानिदेशक श्री विश्वरंजन ने की है । इसके पूर्व कई राज्यों के पुलिस विभाग में प्रचलित वेतनमान और सुविधाओं का व्यापक अध्ययन-विश्लेषण एवं परीक्षण श्री एम।के.नवानी, पुलिस महानिदेशक, सशत्र बल के मार्गनिर्देशन में पुलिस मुख्यालय के योजना एवं प्रबंध शाखा प्रमुख एवं अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री रामनिवास व पुलिस उप महानिरीक्षक श्री जी.पी.सिंह द्वारा किया गया । परीक्षण में यह बात उभर कर सामने आयी है कि अन्य सभी राज्यों सहित पूर्ववर्ती मध्यप्रदेश के अराजपत्रित पुलिस कर्मियों की अपेक्षाकृत छत्तीसगढ़ के अराजपत्रित पुलिस कर्मियों को कम वेतन एवं आवश्यक सुविधायें प्राप्त हो रही है ।

24 राज्यों में छत्तीसगढ़ एकमात्र ऐसा राज्य हैं जहाँ पुलिस निरीक्षक के लिए सबसे कम वेतनमान 5500-9000 प्रचलित है । जबकि अपने पुलिस निरीक्षकों को महाराष्ट्र सरकार 7450-11050, त्रिपुरा सरकार 7450-13000 व सिक्किम सरकार 7000-11500 का वेतनमान देती है । छत्तीसगढ़ से छोटे व कम साधनसंपन्न राज्य जैसे बिहार, , मणिपुर, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश की सरकारें सहित अन्य 15 राज्यों की सरकारें भी अपने पुलिस निरीक्षकों को 6500-10500 का वेतनमान देती हैं । राज्य के पुलिस मुख्यालय ने पुलिस निरीक्षकों के लिए 7400-1300 रुपए का वेतनमान प्रस्तावित किया है ।

इसी तरह छत्तीसगढ़ के सब-इंस्टपेक्टरों को भी अरुणाचल प्रदेश, बिहार, गोवा, गुजरात, हरियाणा, जम्मू काश्मीर, केरला, महाराष्ट्र, मणिपुर, मिजोरम, ओडिसा, सिक्किम, तमिलनाडू, उत्तरप्रदेश, अंडमान निकोबार, चंडीगढ़, दादर नगर हवेली, दिल्ली, पांडिचेरी और दिल्ली के पुलिस सब-इंस्पेक्टरों से कम वेतन मिलता है । छत्तीसगढ़ एकमात्र ऐसा राज्य है जहाँ एसआई को 4500-7000 वेतनमान मिलता है जबकि देश के लगभग सभी राज्यों में 5500-9000 का वेतनमान लागू है । उधर महाराष्ट्र, मिजोरम, सिक्किम, चंडीगढ़, केरला, जम्मूकाश्मीर, हरियाणा आदि राज्य सरकारें अपने सहायक उपनिरीक्षकों को 4500 या 5000 से 8000 का वेतनमान देती हैं किन्तु छत्तीसगढ़ में उनके लिए मात्र 4000-6000 वाला वेतनमान स्वीकृत है। यही स्थिति हवलदारों और सिपाहियों की भी है जिन्हें छत्तीसगढ़ जैसे नक्सली प्रभावित राज्य होने के बावजूद भी क्रमशः 3500-5200 और 3050-4590 का वेतनमान दिया जाता है जबकि अन्य कई राज्य जो कम जोखिम और समस्याओं वाले है , उन्हें अधिक वेतनमान अर्थात् 4000-6090 या उसके आसपास का वेतनमान दे रहे हैं । पुलिस मुख्यालय के योजना एवं प्रबंध शाखा ने अराजपत्रित कर्मियों के प्रचलित वेतनमान के स्थान पर सूबेदार के लिए 6000-11500 रुपए, उप निरीक्षक के लिए 5500-9100 रुपए, सहायक उप निरीक्षक के लिए 5000-8000 रुपए, प्रधान आरक्षक के लिए 4300-5900 रुपए व आरक्षक के लिए 3200-6030 रुपए वाला वेतनमान प्रस्तावित किया है ।

मध्यप्रदेश में सीधी भर्ती और पदोन्नति से भरे जाने वाले 6500-10500 वेतनमान के पदधारियों को राजपत्रित अधिकारी भी बनाया जा चुका है और वहाँ निरीक्षकों और उपनिरीक्षकों को 1 सितम्बर2007 से उन्नत वेतनमान भी दिया जा रहा है ।

पुलिस रेग्यूलेशन 292 के अनुसार पुलिस विभाग के समस्त अराजपत्रित अधिकारियों और कर्मचारियों को निःशुल्क आवास दिये जाने के प्रावधान को ध्यान में रखते हुए चरणवार आवास गृहों के लिए बजट आबंटन की पहल की जा रही है । वर्तमान मकान किराया भत्ता (मूलवेतन का मात्र 10 प्रतिशत) को बढ़ाकर 30 प्रतिशत करने की अनुशंसा भी की गई है ।

इसी तरह वर्तमान किट मेंटेनेंस अलाउंस के रूप में 20 से 60 रुपए प्रतिमाह को बढ़ाकर 200 से 500 रुपए, थानों में पदस्थ प्रधान आरक्षक व आरक्षक के फिक्स मासिक यात्रा भत्ता 25-30 रुपए को बढ़ाकर कर क्रमशः 250 एवं 300 रुपये किये जाने, नगर क्षतिपूर्ति भत्ता को 75 रुपए से बढ़ाकर 300 रुपए प्रतिमाह करने, विशेष पुलिस भत्ता 18 रुपए से बढ़ाकर 300 रुपए करने, रायफल भत्ता 30 रुपए को बढ़ाकर 200 रुपए करने, विशेष शाखा एवं दूरसंचार शाखा का विशेष वेतन जो वर्तमान में 15 रुपए से 175 है को बढ़ाकर 75 रुपए से 400 रुपए किये जाने, अराजपत्रित अधिकारियों को नियुक्ति से समय एक बार दिये जाने वाले वर्दी अनुदान को 400 रुपए से बढ़ाकर 2000 रुपए किये जाने, तीन वर्ष में एक बार वर्दी नवीनीकरण राशि 250 रुपए से 1500 किये जाने, प्रतिमाह सचिवालय के समकक्ष पीएचक्यू एलाउंस दिये जाने, कैशबुक संधारण करने वाले कैशियर का विशेष भत्ता 50 रुपए से 250 रुपए किये जाने, निरीक्षक से आरक्षक स्तर तक प्रतिमाह दिये जाने वाला पौष्टिक आहार भत्ता को 100 रुपए से बढ़ाकर 500 रुपए किये जाने की पहल भी योजना कक्ष द्वारा की जा रही है । इसी तरह राजपत्रित अधिकारियों से ज़ुड़े वर्दी नवीनीकरण, वर्दी अनुदान, ग्रुप इंश्योरेंस में कटोत्रा आदि के लिए भी आवश्यक संस्तुति की गई है ।

पुलिस की कार्यक्षमता में सुधार लाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए पुलिस मुख्यालय द्वारा अराजपत्रित कर्मचारियों के वेतन-भत्ते को बढ़ाने के साथ-साथ अन्य कल्याणकारी गतिविधियों की आवश्यकताओं पर भी जोर जा रहा है । इसमें सभी जिलों में सामुदायिक भवन निर्माण, पुलिस कर्मियों के शिक्षारत बच्चों के लिए 14 होस्टलों, पुलिस लाईनों एवं बटालियनों के लिए 36 सुलभ शौचालयों, रायपुर जिले के अतिरिक्त शेष जिलों में 30 बिस्तरों वाले 19 पुलिस अस्पतालों के निर्माण आदि की भी आवश्यक पहल शुरु हो चुकी है ।

पुलिस महानिदेशक ने की हवलदार की प्रशंसा रायपुर

10 सितंबर, 2008
ऐसे मौक़े कम ही आते हैं जब किसी विभाग के सबसे छोटे कर्मचारी को उसके विभाग के सबसे बड़े अधिकारी की मुक्तकंठ से प्रशंसा मिलती है। श्री अमीत कुमार ऐसे ही योग्य कर्मचारी हैं, जिन्हें उनके विभाग के मुखिया ने उनकी प्रतिभा के लिए न केवल शाबाशी दी बल्कि शासन के नियमानुसार उन्हें पदोन्नति देने पर त्वरित विचार करने जैसी हौसला आफ़जाई भी की । ऐसे योग्य और सौभाग्यशाली कर्मचारी हैं - अमीत कुमार अंदानी, जो आमानाका पुलिस थाने में हवलदार के पद पर कार्यरत हैं । विगत दिनों उन्हें खेल एवं युवा कल्याण विभाग की ओर से वर्ष 2008 का पंकज विक्रम सम्मान दिया गया है । इस पुरस्कार स्वरूप उन्हें नगद राशि 25 हज़ार सहित, प्रतीक चिन्ह से सम्मानित किया गया । श्री अमीत वर्तमान में छत्तीसगढ़ पुलिस में व्हालीबाल टीम के कप्तान हैं । राज्य में विगत 5 वर्षों में चार बार प्रथम और एक बार तृतीय स्थान दिला चुके हैं । उनके नेतृत्व में राष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ राज्य टीम को सर्वश्रेष्ठ 10 टीमों में स्थान अर्जित हुआ है । इसके अलावा राष्ट्रीय पुलिस प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ 8 टीमों में स्थान दिलाने में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है । ज्ञातव्य हो कि श्री अंदानी स्कूली अध्ययन के दिनों से ही व्हालीबाल के खिलाड़ी रहे हैं । उन्होंने मध्यप्रदेश स्कूल नेशनल प्रतियोगिता 3 बार बालक सीनियर वर्ग में राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व किया है और वे सब जूनियर इंडिया कैंप कटक, उड़ीसा में भी मध्यप्रदेश की तरफ़ से सम्मिलित हो चुके हैं, जिसमें नेशनल टीम चुनी जाती है । और इतना ही नहीं उनके पिता श्री टीकम दास अंदानी भी मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रथम विक्रम अवार्ड व्हालीबाल के लिए प्राप्त कर चुके हैं जो वर्तमान में एसईसीएल, कोरबा में व्हालीबाल के कोच के रूप में कार्यरत हैं ।

दूर संवेदी तकनीक को भविष्य में अधिक कारगर बनाना होगा - विश्वरंजन

10 सितंबर 08

" देश की आंतरिक सुरक्षा विशेषकर नक्सल आपरेशन में दूर संवेदी उपकरण एक सहायक की तरह उपयोगी है । किन्तु आने वाले दिनों में नागरिकों की बुनियादी ज़रूरतों से जुड़ी सुविधाओं के साथ ही सुरक्षा व्यवस्था में सूचना तंत्र को अधिक कारगर बनाने के लिए दूर संवेदी उपकरण (रिमोट सेंसेसिंग अप्लीकेशन) को और अधिक उन्नत बनाया जाना चाहिए ताकि नदी, नाले, जंगल, पर्वत, खाई आदि दूर्गम भौगोलिक स्थलों की सार्थक और अद्यतन जानकारी उपलब्ध कराने में उसकी व्यवहारिक उपयोगिता सिद्ध हो सके । " विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, नई दिल्ली और छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, रायपुर के सहयोग से नागार्जुन स्नातकोत्तर विज्ञान महाविद्यालय द्वारा "क्षेत्रीय योजना एवं प्रबंधन निर्धारण में दूर संवेदी उपकरण का उपयोग" विषय पर आयोजित 2 दिवसीय राष्टीय कार्यशाला के उद्घाटन करने के पश्चात अपने संबोधन में मुख्य अतिथि एवं छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक श्री विश्वरंजन ने देश भर से आये वैज्ञानिक प्राध्यापकों से आग्रह किया कि बुनियादी विज्ञान को विकसित करना समय की माँग है । विज्ञान के बुनियादी तत्वों, रहस्यों और उद्देश्यों को आत्मसात किये बिना किसी भी इजाद या उपकरण में सिद्धि नहीं पायी जा सकती। उन्होंने विज्ञान से जुड़े सभी विषयों के अंतरसंबंध पर ज़ोर देते हुए कहा कि जब तक अंतरसंबंधित विज्ञान को विकसित नहीं किया जायेगा मानवता का चरम लक्ष्य नहीं पाया जा सकता है।
श्री विश्वरंजन ने आंध्रपदेश के लापता हेलिकाप्टर की तलाश के लिए चलाये जा रहे अभियान का प्रसंगवश जिक्र करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ का यह प्रयास विश्व का सबसे बड़ा अभियान है । हेलिकाप्टर लापता होने की समूचे विश्व में ऐसी कम से कम 100 घटनायें है जिन्हें विकसित और तकनीकी मामलों में उन्नत देशों ने भी 10-15 दिन की खोज के बाद बंद कर दिया किन्तु संसाधनों के मामलों में अल्प विकसित राज्य होने के बावजूद छत्तीसगढ़ में विगत कई दिनों से यह प्रयास जारी रहा है जिसमें पुलिस अपने सभी संसाधनों का उपयोग निरंतर करती रही है ।
पुलिस के सहयोग के लिए विज्ञान कालेज़ ने हाथ बढ़ाया
राष्ट्रीय कार्यशाला के उद्घाटन अवसर पर अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष ओंकार वैस ने पूर्व महाविद्यालयीन छात्र शहीद द्वय राजीव पांडेय, और भास्कर दीवान के बलिदान का विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि विज्ञान महाविद्यालय राष्ट्रीय अस्मिता की सुरक्षा में सदैव आगे रहेगा । उन्होंने कहा कि विज्ञान महाविद्यालय नक्सली घटनाओं में मारे जाने वाले परिजनों के लिए 51 हज़ार रुपयों की सहायता राशि नक्सली पीडित राहत कोष में उपलब्ध करायेगा तथा नक्सली वारदातों में हताहत होने वाले परिवार के बच्चों की निःशुल्क उच्च शिक्षा की व्यवस्था भी महाविद्यालय में की जायेगी ।
महाविद्यालय के रक्षा अनुसंधान विभाग द्वारा आयोजित कार्यशाला में वरिष्ठ वैज्ञानिक व मेपकॉस्ट, भोपाल के कार्यकारी निदेशक श्री रवि भारद्वाज ने दूर संवेदन उपकरण की कार्यपद्धति, विकास और उपयोगिता पर विस्तृत जानकारी दी । कार्यक्रम के प्रारंभ में महाविद्यालय परिवार की ओर से प्राचार्या गीता तिवारी ने अतिथियों का स्वागत किया । रक्षा विज्ञान विभाग के प्रमुख एवं कार्यशाला संयोजक श्री गिरीश पांडेय ने कार्यशाला के उद्देश्यों के बारे में बताया । उक्त अवसर पर देश भर के प्रतिभागी वैज्ञानिक, प्राध्यापक, विषय विशेषज्ञ, शिक्षाविद्, बड़ी संख्या में उपस्थित थे ।